आज सोमवार मैं आया तेरे द्वार,
सुनले मेरी सुनले मेरी सुनले मेरी पुकार,
दे दे मुझको ऑडी कार,
ओ मेरे भोले सरकार तेरी महिमा अपराम पार,
तू है जग का पालनहार,
तूने उसकी लाइफ बनाई जिसने तेरी जय कर लगाई,
कर दे मेरी भी सुनवाई इतनी अब क्यों देर लगाई,
जाना है मुझको बहुत फॉर करदे मेरा बेडा पार,
तेरी महिमा अपराम पार तू है जग का पालनहार,
धन की बाबा माया भारी इसी बात की मारा मारी,
लड़ती जगडती दुनिया सारी पर मैं जप ता माला तुम्हारी,
ॐ कार की महिमा भारी इस में समाई खुशियां सारी,
इस मंत्र को जो भी जपता उस को मिलती किरपा तुम्हारी,
तुम पर जाऊ मैं बलिहारी एह भोले त्रिपुरारी,
मन को भावे छवि तुम्हारी हाथ तिरसूल और डमरू धारी,
जटा से बहती गंगा प्यारी नाग गले में है विश धारी,
अंग मुढ़पा बम धारी आओ करके बैल सवारी,