घर भगता दे आउने माँ ले खुशिया भरियाँ सौगात,
भेटा गौण गियां संगता जगराते वाली रात,
घर भगता दे आज जगराता पौने माँ ने फेरा है,
करके शेर सवारी आना ख़ुशी नल भर जाऊ वेहड़ा,
माँ दी महिमा गौन्दियाँ सुन दियां हो जनि भरवात,
भेटा गौण गियां संगता जगराते वाली रात,
सब भगता दे मन दी आसा आज होनी है पूरी,
दाती माँ जब सदे भेजे शबे आऊं जरुरी,
सच्चे मन नाल जो भी आवे दुखा तो मिला न जात,
भेटा गौण गियां संगता जगराते वाली रात,
सब भगता ने रल मिल के माँ दी महिमा गौणी है,
इहो जाहि रात सुलखनी वार वार न ाउनि है,
कारज सब दे रास हों गे करो तुसी विश्वाश,
भेटा गौण गियां संगता जगराते वाली रात,
पिंड ठठे विच मंदिर माँ दा सब दे मन न भोण्डा है,
इसे करके जे पि सहोता माँ दियां भेटा गौंडा है,
लिखण लई ओ माँ दियां भेटा लिखण ली लवे अजीत दा साज,
भेटा गौण गियां संगता जगराते वाली रात,