माँ बालक सा नाता कोई जब में और कहा
कर लेती है दूर से ही अनभूति सारी माँ
बालक को जग में होती है सबसे प्यारी माँ
कर लेती है दूर से ही अनभूति सारी माँ
कितना अध्भुत है ये नाता जनम से भी पेहले बन जाता
दूर रहे बालक कितना भी माँ को अपने साथ ही पाता
शरण में हल कर देती है कठनाई सारी माँ
बालक को जग में होती है सबसे प्यारी माँ
माँ बालक सा नाता कोयी जग में और कहा
कर लेती है दूर से ही अनुभूति सारी माँ
बालक को जग में होती है सबसे प्यारी माँ