मेरी सुनलै अर्ज़ शेरांवालिये, नित पूजां तेरी तसवीर नूँ,
लोकी आखदे ने सारा जग तारेया, अज्ज तार दे माँ मेरी तकदीर नूँ,
मतलब दी दुनियां नूँ छड्ड के प्रीत तेरे नाल पा लयी माँ,
दुर्गे रानी नाम तेरे दी मन विच ज्योत जला लयी माँ,
ओ एहना ज्योतां नूँ शेरांवालिये, फूंक मार के बुझावना ठीक नहीं,
लोकी आखदे ने......
लोकां दे ने लख सहारे, मेरा तूँ ही सहारा माँ,
मेरी जीवन दी नैया दा तूँ ही इक किनारा माँ,
ओ तेरा दर छड्ड के लाटांवालिये, किसे होर दर जावना ठीक नहीं,
लोकी आखदे ने.........
पूरी हुन्दी आस ओहना दी, दर तेरे जो आ जांदे,
नाम तेरा जो जपदे दाती, भव सागर तों तर जांदे,
ओ एहना भगतां नूँ शेरांवालिये, बहुता दुखां विच पावना ठीक नहीं,
लोकी आखदे ने...........
पंडित देव शर्मा
श्री दुर्गा संकीर्तन मंडल
रानिया सिरसा