लाखा की चुनड़ी हो जा चाहे करोड़ की,
थारे ओढे बिन मईया के ही को मोल जी,
आइयाँ देखा तो माहने चुनडी फीकी लागे,
थारे ओडा ही पाछे माँ चोखी चोखी लागे,
मनडा की बाता मइया थाणे ही बोल जी,
थारे ओढे बिन मईया के ही को मोल जी,
चुनडी तो चुनडी है चाहे हल्की हो जा बारी,
झूठा मोल लगाने की माँ आदत पड़ गई भारी,
थारे ताहि तो चुनड़ी अनमोल जी,
थारे ओढे बिन मईया के ही को मोल जी,
कोई सोना चांदी देखे कोई हीरा मोती,
माहरी मैया केवल तू है प्रेम भाव की भूखी,
सोनो दरकार ही कोणी माहने कुछ और की,
थारे ओढे बिन मईया के ही को मोल जी,