सिंह की सवारी आने वाली है झुंझनू से दादी आने वाली है.
पलके बिछाये बैठे कब से दर्शन को नैना मेरे तरसे है
प्यार दरबार लगाने वाली है,झुंझनू से दादी आने वाली है.
सिंह की सवारी आने वाली है झुंझनू से दादी आने वाली है..
चाँद की चौंकी पर बिठायेंगे प्यारी सी मेहँदी तुझे लगायेगे,
गहरी सी मेहँदी रचने वाली है हम पर किरपा बरसाने वाली है,
सिंह की सवारी आने वाली है झुंझनू से दादी आने वाली है..
हीरो की लाल चुनरियाँ लाये है तारा और गोटा भी लगावे है,
लाल चुनरियाँ ओढ़ने वाली है भक्तो के कष्ट निवारने वाली है,
सिंह की सवारी आने वाली है झुंझनू से दादी आने वाली है..