धरो सर पे हाथ

बैकुंठ नाथ धरो सर पे हाथ,
हो जाए कृपा जो थारी,
हे निकुंज निरंजन  दीजो आशीर्वाद,
आया शरण मैं तुम्हारी,

पग पग राह कठिन है
मन मेरा दूषित मलिन है
जीवन नीरस लगने लगा भारी
हो जाए कृपा जो थारी,
आया शरण मैं तुम्हारी,

मन से मेरे विकार मिटादो
प्रभु जी अंधकार हटा दो
सच्ची मुझको राह दिखा दो
चरण शरण में ले लो भगवन
जाऊँ मैं वारी बलिहारी
हो जाए कृपा जो थारी
आया शरण मैं तुम्हारी

download bhajan lyrics (1181 downloads)