सांसो की गिनती से ज्यादा श्याम तेरे एहसान है,
तुमसे ही शान मेरी तुमसे पहचान है,
ऐसा वक़्त भी देखा है दो वक़्त के लिए तरस ते थे,
इतने हम मजबूर हुये के आंख से आंसू बरस ते थे,
बीती बाते सोच के भी दिल हो जाता परेशान है ,
तुमसे ही शान मेरी तुमसे पहचान है,
दौलत शोहरत नाम दिया खुशियों से भण्डार भरे,
क्या क्या गिन वाऊ कैसे कितने है उपकार करे,
दुनिया वाले पता पूछते करते मेरा समान है ,
तुमसे ही शान मेरी तुमसे पहचान है,
सास रुके तो रुक जाये साथ कभी भी छुटे न,
जन्म जन्म का ये नाता श्याम भी टूटे न,
कहता मोहित दिल का बाबा इतना सा अरमान है,
तुमसे ही शान मेरी तुमसे पहचान है,