मोरछड़ी लहरार्इ रे, रसिया ओ सांवरा
तेरी बहुत बड़ी सकलार्इ रे। ओ सांवरा
मोरछड़ी का जादू निराला,
इसको थामे है खाटू वाला ।
नीले चढ़के दौड़ा ये आए,
सारे संकट पल में मिटाए ।
रसिया ओ सांवरा, तेरी बहुत बड़ी सकलार्इ रे
मोरछड़ी …
श्याम बहादुर दर्शन को आए,
ताले मंदिर के बंद पाए ।
मोरछड़ी से तालों को खोला
शीश झुका कर बाबा से बोला ।
रसिया ओ सांवरा, तेरी बहुत बड़ी सकलार्इ रे
मोरछड़ी …
मोरछड़ी की महिमा है भारी
श्याम धणी को लागे ये प्यारी
हर्ष कहे रोतों को हंसाए
हाथों में जब तेरे लहराए
रसिया ओ सांवरा, तेरी बहुत बड़ी सकलार्इ रे
मोरछड़ी …