जब से मैं खाटू आया,तेरा प्यार मैंने पाया
जो भी है मैंने चाहा,तेरे दर से श्याम पाया
लहरों में नाव बनकर,धूप में छाँव बनकर
तूने दिया सहारा,हर मोड़ पे है आकर
लड़खड़ाया जब भी बाबा,
तूने मुझे संभाला........
गर्दिश के दिन थे बाबा,ना कोई था सहारा
ना कोई भी खुशी थी,ना कोई था हमारा
अंधेरो में उजाला,
मेरे श्याम ने दिखाया.....
जिसने तुझे पुकारा,उसको ही तूने तारा
तेरे दर से जो मिला है,जाने सारा ज़माना
जय कौशिक जहाँ में,
देव यही निराला.....जब से मैं....