हो यहाँ पूछते है हमसे जग वाले कहा,
हम तो यही है बताते चारो धाम है यहा,
कहते है लोग बद्री धाम बड़ा पावन,
बस तेरो ही है मेरो नर नारायण,
चलो आओ हम चले बद्रीनाथ है यहाँ,
उनकी पूजा करके बोले अपनी सारी विपदा,
केदार धाम चलो शीश झुकाये ज्योति लिंग शिव का दर्श फल पाये,
श्री केदारनाथ जी मेरी किरपा बरसाये गे
सुने जीवन में मेरे दीप जग मगाये गे,
चलो आओ हम चले नाम शिव शिव जपे,
चलो आओ हम चले केदार धाम है यहा,
शिव शम्भू की दया से पाप मितले वहा,
चलो चले यमुनोत्री गंगोत्री चले,
उत्तराखंड के चारो धाम के यात्रा कर ले,
यहा गंगा यमुना जी निकलती है यहाँ,
चलो अमृत पी के तर जाये हम यहाँ,