पहने घघरिया ओढ़े चुनरिया,
हाथ लिए तलवार,
शारदा आ गई मेरे द्वार,
पहने घघरिया ओढ़े चुनरिया,
हाथ लिए तलवार,
शारदा आ गई मेरे द्वार।
भवन मैया का मईहर विराजे,
ध्वजा की अजब बहार,
शारदा आ गई मेरे द्वार॥
लाल लाल चूड़ी लाल लाल बिंदिया,
भक्त करें श्रृंगार,
शारदा आ गई मेरे द्वार॥
सुर नर मुनि सब आरती उतारें,
हो रही जय जैकार,
शारदा आ गई मेरे द्वार॥
हम सबको है तेरा सहारा,
करती सभी का उद्धार,
शारदा आ गई मेरे द्वार॥
पहने घघरिया ओढ़े चुनरिया,
हाथ लिए तलवार,
शारदा आ गई मेरे द्वार.........