ॐ जय डिग्गी वाले नाथ हरे, देवा अंजनी के लाल हरे,
पीलीबंगा धाम विराजत, अनुपम रूप धरे......ॐ जय....
दक्षिण मूरत आपकी, भक्तो के कष्ट हरे,
तन सिंदूरी चोला, कुण्डल कर्ण पड़े.,
ॐ जय डिग्गी...................
गल मोतियन की माला, सिर पर मुकुट धरे,
पूनम ज्योत मे बाबा, भिन्न-भिन्न रूप धरे,
ॐ जय डिग्गी...................।।
कंचन थाल आरती, कुंकुम दीप सजे,
सुर-नर आरती उतारे, जय जयकार करे,
ॐ जय डिग्गी...................।।
झालर शंख नगाड़ा, सिर पर चंवर ढुरे,
नर-नारी दरशन को, आकर द्वार खड़े.....
ॐ जय डिग्गी...................।।
मोदक खीर चूरमा, नागर पान चढ़े,
सेवक भोग लगावत, सेवा नित्य करे.....
ॐ जय डिग्गी...................।।
श्री डिग्गी वाले बाबा की आरती, जो जन नित्य करे,
कहत भरतदास स्वामी, रटत तुलसीदास स्वामी, सब विधि काज सरे.....
ॐ जय डिग्गी...................।।
!! ॐ जय श्री डिग्गी वाले बाबा हनुमान जी ॐ !!