ओ सँवारे ओ सँवारे,
यही है विनती तुम से ओ बाबा रहना साथ मेरे,
ओ सँवारे ओ सँवारे,
जब तुम हो साथ मेरे मेरा मन नहीं गबराता,
ऊँगली मत छोड़ो तुम इक कदम न चल पाता,
ओ सँवारे ओ सँवारे,
तेरे दर से बाबा सब खुशिया मुझको मिली,
मेरे उजड़े दिल की सुनी कलियाँ भी खिली,
ओ सँवारे ओ सँवारे,
झूठे रिश्ते नाते और जग ने ठुकराया,
तेरा ही दर ऐसा जो मन को है भाया,
ओ सँवारे ओ सँवारे,
तेरा बालक हु बाबा आकर मुझे समबालो,
पंकज सांवरिया को बाबा तुम अपनालो,
ओ सँवारे ओ सँवारे,