श्याम के रंग में मोहन संग में ,
चुनरी धानी हो गई,
दीवानी हो गई मीरा दीवानी हो गई,
मीरा दीवानी दीवानी दीवानी हो गई,
छोड़ दिए सब सुख महलो के हाथ लिया एक तारा,
बन गई जोगन श्याम पिया की श्याम पे सब कुछ वारा,
पल पल गाये सब को सुनाये संतो की वाणी हो गई,
दीवानी हो गई मीरा दीवानी हो गई,
डगर डगर में फिर वनवारी कहती श्याम सॉंवरिया,
पहरे लगा दिए राणा ने भेजी सर्प पिटरियाँ,
विष भी अमृत बन गया पल में ऐसी ध्यानी हो गई,
दीवानी हो गई मीरा दीवानी हो गई,
श्याम ही श्याम पुकारे मीरा दर्श श्याम का पावे,
शरण शरण में पड़ा तिवारी जीवन सफल बना दे,
बन गी चरण शरण में दासी अमर कहानी हो गई,
दीवानी हो गई मीरा दीवानी हो गई,