अब मोहे साजन विसरे न ,
इक पल साजन विसरे न,
ऐसी डूभी अब मैं तुझमे ,
ऐसा लागे जैसे मुझमे,
तुम ही तुम हो और मैं ना,
अब मोहे साजन विसरे न ,
प्रीत की डोरी तुम संग जोड़ी,
अब तो मेरा हर दिन हो रही,
और दिवाली है रैना,
अब मोहे साजन विसरे न
जब से जिया के बस गए कान्हा,
जीवन क्या है मैंने जाना,
पहले कब था ये चैना,
अब मोहे साजन विसरे न