मेरी राधा रानी की, मेरी श्यामा प्यारी की, बरसाने वाली की,
कृपा का क्या कहना, कृपा का क्या कहना
राधा नाम का लिया सहारा,
डूबी किश्ती को मिला किनारा ।
कीरति कुमारी की, वृषभान दुलारी की,
सखी अनसुखकारी की,
कृपा का क्या कहना, कृपा का क्या कहना ॥
राधा नाम की जो लगन लगाए,
पाप ताप संताप मिटाए ।
वृन्दावन रानी की, मनमोहन मोहिनी की,
रसिकन हितकारी की,
कृपा का क्या कहना, कृपा का क्या कहना ॥
गुण अवगुण पर डाले न दृष्टि,
राधा रानी के आधीन है सृष्टि ।
श्री नित्त विहारिन की, सर्वोपरि स्वामिन की,
घोरी सुकुमारी की,
कृपा का क्या कहना, कृपा का क्या कहना ॥
‘चित्र विचित्र’ इस दर के भिखारी,
लालड़ली लाल ने किस्मत सवारी ।
मेरी राधा रानी की, मेरी श्यामा प्यारी की,
बरसाने वाली की,
कृपा का क्या कहना, कृपा का क्या कहना ॥