तर्ज - स्वर्ग से सुन्दर सपनो से प्यारा
आवो गजानंद आप पधारो , जोड़ा दोनों हाथ
सफल सारा काम करज्यो , के शिर पे हाथ धरज्यो
एक दन्त दयावंन्त चार भुजा धारी , लड्डूवन का भोग लागे मूसे की सवारी
सबसे पहेली तुझको मनाऐ , गोरी सुत गणराज
शिव के हो प्यारे बाबा मैईया के दुलारे , भक्तो के तुम हो बाबा आँखो के तारे
माँ गोरा के लाल पधारो , रिद्धि सिध्दी के साथ
अष्टविनायक बाबा कष्ट हर लिज्यो , अटक्या है काम बाबा पुरा कर दिज्यो
रिमझिम बरसे प्यार ओ बाबा बोला जयजयकार
संजय तवँर
बिराटनगर नेपाल
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