गणपति देवा तेरी जय जय कार,
तेरे ध्यान में जो भी डुभे वोही उतरे पार,
गणपति देवा तेरी जय जय कार,
रिद्धि सीधी तुमसे ही आये हम सबके जीवन में,
तीन लोक की सुख सम्पंती है तेरे दर्शन में
तुम से ऐश्वर्ये को पाए ये सारा संसार,
गणपति देवा तेरी जय जय कार,
जिस घर में तेरी मूरत सोहे वो घर शुभ हो जाये,
दुःख का अँधियारा मिट जाये सुख उजियारा आये,
हे अविनाशी जन सुख दायक तू जग का आधार,
गणपति देवा तेरी जय जय कार,
चार भुजा गजवदन तुम्हारा इक दंत बलशाली,
तेरे चरणों में आकर कब कौन गया है खाली तेरी महिमा है सब से न्यारी तू है अप्रम पार,
गणपति देवा तेरी जय जय कार,