मंदिर में आ पुण्य कमा
जीवन को अपने सफल बना
जीवन में तेरे न होगा तनाव
मंदिर में आ, अर्घ चढ़ा
कर ले भजन और अभिषेक
पुण्यो से मिलता है नर भव एक
ये मानव जन्म जैन धरम अब तू न जाने कब पायेगा
जिनवर को भज, पापो को तज, संसार सागर से तर जाएगा
प्रभुजी की भक्ति में खुद को रमा
जीवन को अपने सफल बना
जीवन में तेरे न होगा तनाव
मंदिर में आ, अर्घ चढ़ा
कर ले भजन और अभिषेक
पुण्यो से मिलता है नर भव एक
जन्मो से था तेरा ये भाव, शुभ कर्मों का ही था ये प्रभाव
जिनवर को भज, पापो को तज, संसार सागर से तर जाएगा