तेरी चौखट पे आके भोले बाबा
कोई रोता सिसकता नहीं है
बिना मांगे ही मिल जाता इतना
कोई दुःख से बिलखता नहीं है
चोट दुनिया से जो खाके आता
चैन है वो तेरे दर पे पाता
हार जाता जो ज़िन्दगी से
वो भी हँसता है तेरी बंदगी से
जान जाता है जो तेरी महिमा
तेरी भक्ति से थकता नहीं है
है करम से तेरे चाँद तारे
लोक तीनो भुवन तेरे सारे
राजू ज़ख़्मी का तुझसे जहाँ है
सुख जन्नत का सारा यहाँ है
जब तलाक ना हो तेरा इशारा
कोई बदल बरसता नहीं है