शंकर शंकर भोले शंकर शंकर भोले,
तेरे दर्शन पा कर आज मेरा मन ढोले,
तू कितना भोला है,
जो तेरे दर आये तू उसको अपनाये,
तेरी भोली सूरत से भये करुणा की धारा जो सबके मन भाये,
शंकर शंकर भोले ....
गल मुंड माल धारी सिर सोहे जटा धारी,
तिरशूल चक्र धारी,
तेरे भाम अंग बैठी है गिरजा सूत वरि,
करे नन्दी की सवारी,
शंकर शंकर भोले...
नित रहे तू मत वाला अरु ओह्दे मिरग शाला,,
सिर से बहती गंगधारा,
हाथ में डमरू विशाला करे भक्तो को निहाला,
हरे तु मृत्यु अकाला
शंकर शंकर भोले ...