मम्मी मैं भी कावड़ लाऊ हरिद्वार की राह में,
बम बम भोले करता आउ सावन की फुहार में,
मम्मी तुम बापू से कह कर कावड़ मेरी मंगवा दो,
नंगे पाँव जाओ चंडी मनसा के दरबार में,
बम बम भोले करता आउ सावन की फुहार में,
सावन आवै मस्ती छावे छाई अजब बहार से,
मम्मी मैं भी छम छम नाचू बम बम की जय कार में,
बम बम भोले करता आउ सावन की फुहार में,
नील कंठ पर्वत के ऊपर भोले के नेहलाऊ मैं,
नागर मेरा मन न लागे तेरे इस संसार में ,
बम बम भोले करता आउ सावन की फुहार में,