कावड़िया कावड़ लाये रहे,
भोले की महिमा गाये रहे,
न पैरो के छाले देख रहे भक्ति में दुखड़े लाखो सहे,
शिव भोले के मन में समाये रहे,
कावड़िया कावड़ लाये रहे,
भोले की महिमा गाये रहे,
लगी सुरति की हां नाथ में है और जोश निराला नाथ में,
खुद नाचे गावे नचाये रहे भोले की महिमा गाये रहे,
कही लाख कावड़ियों का लारा है सावन का अजब नजारा है,
जय कारे मन को लुभाये रहे भोले की महिमा गाये रहे,
लिखे भजन यो सतन खटाना रे,
भोले का होया दीवाना रे केशव यो शिवानी गाये रहे,
कावड़िया कावड़ लाये रहे,
भोले की महिमा गाये रहे,