डम डम डमरू बाजे शिव सन्यासी का,
कैलाशी काशी के वासी का,
अगड़बम अगड़बम अगड़बम बम लेहरी,
डम डम डमरू बाजे शिव सन्यासी का,
मेरी जोगी मस्त मलंगा जी,
नाचे कीचड़ के भंगा जी,
देखो गले में विश हर झूल रहे,
और जटा से बहती गंगा जी,
नाम जपे दुनिया घट घट वासी का,
कैलाशी काशी के वासी का,
डम डम डमरू बाजे शिव सन्यासी का,
मेरे शिव शम्भू है भोला जी,
कंधे पे रखता झोला जी,
जो रहता है स्मशानो में संग में भूतो का टोला जी,
क्या कहना है अजर अमर उस अविनाशी का,
कैलाशी काशी के वासी का,
डम डम डमरू बाजे शिव सन्यासी का,
बाबा रे भोले भंडारी तेरी महिमा है जग से न्यारी,
एह भीम सैन तेरा दास ख़ास कहती है दुनिया सारी,
तेरे नाम जपो से डरना हो न कभी ामकिवासी का,
कैलाशी काशी के वासी का,
डम डम डमरू बाजे शिव सन्यासी का,