बंसरीये मोहे जान तो प्यरिये
चल वृंदावन जाये वसिये
वृंदावन विच बाँके बिहारी
बाँके बिहारी कृष्ण मुरारी
उन्हा दे दर्शन जाये करिये
बंसरीये........
वृंदावन विच यमुना है बस्दी
पाप पए रोण ऊथे भगती है हस्दी
ऊथे इस्नान कराना दसिये
बंसरीये........
वृंदावन विच गऊआ ते बछ्ड़े
उन्हा नु दुध चूंगाणा दसिये
बंसरीये.......
वृंदावन विच मोरा दे बचड़े
उन्हा नु चौग चोगाना दसिये
बंसरिये.......
हरे कृष्ण हरे कृष्णा कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे रामा राम रामा हरे हरे