तेरी मुरली पे जाऊ बलिहार रसिया,
मैं तो नाचू गी तेरे दरबार रसिया,
पनिया भरन को मैं घर से निकली,
कर के सोला सिंगार रसिया,
मैं तो नाचू गी तेरे दरबार रसिया,
तेरी मुरली पे जाऊ बलिहार रसिया,
लोक लाज कुल की मर्यादा,
मैंने यमुना में वीनी घाल रसिया,
मैं तो नाचू गी तेरे दरबार रसिया,
तेरी मुरली पे जाऊ बलिहार रसिया,
साँस ननद मोहे रोके टोके,
रोके टोके मोको रोके टोके,
यह से निकलू मैं धुमका मार रसिया,
मैं तो नाचू गी तेरे दरबार रसिया,
तेरी मुरली पे जाऊ बलिहार रसिया,
मन मस्ताना तेरा दीवाना,
करदे नैया पार रसिया,
तेरी मुरली पे जाऊ बलिहार रसिया,
मैं तो नाचू गी तेरे दरबार रसिया,