जटा में जिसकी गैंग विराजे तेज है माथे चंदा सजे,
कान में जिसके कुण्डल साजे वो करता करता,
जटा धार शिव जटा धार भोला भंडारी जटा धार,
गोरा जिसकी जन्मो से दासी,वो भोला है घट घट वासी,
जिसके लिए जगत है झांकी श्रिस्ति का आधार,
जटा धार शिव जटा धार भोला भंडारी जटा धार,
जंतर मंत्र मस्त कलंदर वो नाथा है सब के अंदर,
हर दिल में है जिसका मंदिर पूजे सब संसार,
जटा धार शिव जटा धार भोला भंडारी जटा धार,
बाराम बरसी खाल है ोहड़ी सिर गंगा की धार है छोड़ी,
पूजे शिव को सभी अगोहडी तीन लोक आधार,
जटा धार शिव जटा धार भोला भंडारी जटा धार,