ॐ जय जय शनि महाराज,
स्वामी जय जय शनि महाराज,
किरपा करो हम सब पर,
दुःख हरियो प्रभु आज,
ॐ जय जय शनि महाराज
सूरज के तुम बालक जग में बड़े बलवान,
सब देवो में तुम्हारा प्रथम मान है आज,
ॐ जय जय शनि महाराज
विक्रम राज को हुआ घमंड,
अपने सरेष्ठ होने का,
चकना चूर किया बुद्धि हिला दिया सर ताज,
ॐ जय जय शनि महाराज
प्रभु राम और पांडव को भेज दियां वनवास,
किरपा हुई जब तुम्हारी स्वामी बचाई उनकी लाज,
ॐ जय जय शनि महाराज
सूर्ये सा राजा हरिश्चंदर वेच दियां परिवार,
पास हुए परीक्षा में देकर धन और राज,
ॐ जय जय शनि महाराज
माखन चोर कन्हियान गइयन के रखवार,
कलंक माथे का धोया धरे है रूप विराट,
ॐ जय जय शनि महाराज
मैं हु दीं अज्ञानी भूल बई हमसे,
शमा शांति दो नरायन प्रणाम लो महाराज,
ॐ जय जय शनि महाराज