मेरे श्याम की महफ़िल में भगतो किरपा दिन रात बरस ती है,
बिन बोले वो मिल जाता जिसे सारी दुनिया तरस ती है,
मेरे श्याम की महफ़िल में भगतो किरपा दिन रात बरस ती है,
जिस दिन से रखा है कदम दर पे उस दिन से दीवाना दिल ये हुआ,
रहते हो साथ मेरे हर दम जब से चौकठ को मैंने छुया,
किसी और की न दरकार उसे जिस पर तेरी नजरे रहती है,
मेरे श्याम की महफ़िल में भगतो किरपा दिन रात बरस ती है,
जो कर न स्का तूने किया मजबूर को भी मशहूर किया,
जिसका कोई साथी नहीं जग में उसके तू साथ है श्याम पिया,
अब आठो पहर दिल की दड़कन तेरा ही नाम सुमिर ती है,
मेरे श्याम की महफ़िल में भगतो किरपा दिन रात बरस ती है,
विश्वाश मेरा इक दिन तू ही मेरी नैया पार लगाएगा,
भव सागर के दुःख दर्दो से छुटकारा तू ही दिलाएगा,
राजू कहता जो दास तेरा उसकी तो पार उतर ती है,
मेरे श्याम की महफ़िल में भगतो किरपा दिन रात बरस ती है,