सखी री मैं तो कारे रंग पे वारी,
वारी रे वारी रे मैं तो वारी रे,
सखी री मैं तो कारे रंग पे वारी,
ऐसो रंग मोपे डारो कित जाऊँ मैं बिचारी,
सखी री मैं तो कारे रंग पे वारी,
कारो ही कजरा कारो ही बदरा,
कारो ही जमुना नीर,
कारी ही बैरन कारी कोयलिया, मारे रस के तीर,
सखी री........
कारे कुंज में कारो ही भँवरा, कैसो मनोहारी
कारे कान्ह की कारी कमलिया
गई मैं बलिहारी,,,,,