तेरी आरती उतारू रूप तेरा निहारु,
तेरे चरणों की धूल मेरा चन्दन है,
आया १५ अगस्त दिन ये पावन माँ भारती का वंदन है,
मस्तक शोभा हिमलाये सवारे सुबह सवेरे पाँव सागर पखारे,
गंगा यमुना बहे हरी धरती रहे तीनो ऋतुएँ यहाँ की धड़कन है,
आया १५ अगस्त दिन ये पावन माँ भारती का वंदन है,
दुनिया में छुंनये दशम जो लाया जिस ने जहां को अहिंसा सिखाया,
बोली भाषा अनेक फिर भी हम सब है एक,
एक दूजो में रिश्ते का वंदन है,
आया १५ अगस्त दिन ये पावन माँ भारती का वंदन है,
इस देश हिट लुटावे जवानी देविंदर गाये उन्ही की काहनी,
भगत विषमिल सुभाष चन्दर सेखर आजाद देश भगतो के ये गीत अर्पण है,
आया १५ अगस्त दिन ये पावन माँ भारती का वंदन है,