चूम कर फाँसी के फंदे को

चूम कर फाँसी के फंदे को,
कह गए अमर वाणी,
इंकलाब जिन्दाबाद की,
लिख गए अमर कहानी,
वतन के वास्ते थी
जिनके लहू में आज़ादी वाली रवानी
उस आज़ादी की खातिर
उन्होंने बलिदानी की ठानी
अमर रहे सदा तुम्हारी गाथा
हे वीर अभिमानी

सदियों दोहराई जाएगी
तुम्हारे बलिदानों की कहानी        
हँसते हँसते देश की खातिर
दे गए तुम कुर्बानी
भगत सिंह राजगुरु सुखदेव
तुम्हें सौ सौ बार सलामी
इंकलाब जिन्दाबाद की
लिख गए अमर कहानी
चूम कर फाँसी के फंदे को
कह गए अमर वाणी

download bhajan lyrics (1240 downloads)