चांद सितारों से हम इसकी मांग सजाएंगे,
दुल्हन सा प्यारा देश बनाएंगे,
दूर उड़ा कर ले जाएंगे, हम पंछी पिंजरा अपना,
पिंजरा अपना, पिंजरा अपना,
जब तक है पर साथ हमारे आजादी, फिर क्या सपना,
फिर क्या सपना, फिर क्या सपना,
आ सौगंध ये ले, आ सौगंध ये ले,
मांगी हुई रिहाई से तो, प्राण गंवाएंगे,
दुल्हन सा प्यारा देश बनाएंगे,
जिन बागो की कलियों के, होठों पर हो गम के साए,
गम के साए,गम के साए,
पतझड़ की तानाशाही से, फूल ना जिससे खिल पाए,
ना खिल पाए,ना खिल पाए,
आ सौगंध ये ले, आ सौगंध ये ले,
फसले बहारें बनकर तुमको, हम दिखलाएंगे,
दुल्हन सा प्यारा देश बनाएंगे,