मेरे घर में रोज दिवाली है,
क्यों की मेरी कुल की देवी ये मैया ढांढनवाली है,
मेरे घर में रोज दिवाली है,
ये छपड फाड़ के देती है वारे न्यारे कर देती है,
इस के जैसी इस दुनिया में कही देखि न दातारि है ,
मैं इनकी शरण में रहता हु,
चरणों की छाव में बेहता हु,
ये मेरी हर पल और मेरे घर की करती रखवाली है,
मेरा काम कोई भी न अटके मेरे पास मुसीबत न फटके,
आने से पहले ही इसने हर विपदा मेरी टाली है
मेरी तकदीर का क्या कहना मेरी कुल देवी ये दो बेहना,
सोनू दोनों का प्यार मिला मेरे जीवन में खुशाली है,