केवल दादी है मंडल में ये हम सब की है भूल,
तन धन नारायण का संगम है ये तिरसुल,
जरा याद करो वो पल,
जब दादी सती हुई,
तन धन के चलते ही सो भाग्य गति हुई,
बनी अमर सुहागन माँ देवन बरसाए फूल,
केवल दादी है मंडल में ये हम सब की है भूल,
माँ के संग तन बन की जैकार लगा लेना,
चुनड़ी संग तन धन की पहनावरी ले जाना,
जरा ध्यान से गौर करो ये बाते नहीं फजूल,
केवल दादी है मंडल में ये हम सब की है भूल,
शिव शक्ति जैसे ही तन धन और नरायणी,
दोनों की शक्ति को पहचान ले ओ प्राणी,
कैसे श्याम लगा लेना दादी चरणों की धूल,
केवल दादी है मंडल में ये हम सब की है भूल,