दादी के मंगल में मिल कर हम प्रण ये करे,
हर घर घर नारानी गूंजे बस नाम तेरे ,
दादी के मंगल में मिल कर हम प्रण ये करे,
इनका गुण गान करे महिमा का बखान करे,
इस झुंझुनू वाले के चरणों में नमन करे,
महिमा इनकी भारी ये समज ले तू प्यारे,
दादी के मंगल में मिल कर हम प्रण ये करे,
ये दुर्गा ये काली लक्ष्मी ये भरमहानी,
इनके है रूप अनेक यही झुंझुनू वाली,
शक्ति की सवरूपा ये हाथो में त्रिशूल धरे,
दादी के मंगल में मिल कर हम प्रण ये करे,
ना जान स्का कोई न वेद समज पाए,
सब देवो ने इनकी महिमा के यश गाये,
सुरभी कहे मंगल को मिल भाव से गाये,
दादी के मंगल में मिल कर हम प्रण ये करे,