रानी सती दादी की हर बात निराली

भगतो पे किरपा करती है झुँझन वाली माँ मेरी,
हे सब की झोली भर्ती है झुँझन वाली माँ मेरी,
जो दादी दादी गाये ये पल में दौड़ी आये
भगतो की डूभ ती नइयाँ पल में पार लगाये,
अपनी तो झुँझन वाली हर दम करती रखवाली,
भगतो की रानी सती दादी की हर बात निराली,

आजा तू आजा प्यारे दादी की महिमा गा ले,
झुँझन वाली का दरबार निराला रे,
मैया की किरपा होगी खुशियों की वर्षा होगी,
खुल जाएगा तेरी किस्मत का ताला रे,
दादी का दर है सच्चा पल पल है मिलता परचा,
घर घर में जाके देखो है राणीसती की चर्चा,
अपनी तो झुँझन वाली हर दम करती रखवाली,
भगतो की रानी सती दादी की हर बात निराली,

दादी ये झुँझन वाली कलयुग की ये दुर्गा काली,
मैया की महिमा सारे जग से न्यारी रे ,
जो भी शरण में आये उसको ये गले लगाये,
चरणों में शीश झुकाये दुनिया सारी रे,
जो माँगा है पाया है जो शरण तेरी आया है,
ये जग सारा ओ दादी बस तेरी ही माया है,
अपनी तो झुँझन वाली हर दम करती रखवाली,
भगतो की रानी सती दादी की हर बात निराली,

सौरव मधुकर की अर्जी आगे माँ तेरी मर्जी,
हम को भी आपने चरणों में बिठा ले रे,
बस इतना तुझसे चाहे तेरी सेवा मिल जाये,
हम को भी अपनी सेवा में लगा ले रे,
अगर माँ की किरपा होगी बिन पानी नाव चलादे,
झुँझन वाली चाहे तो निर्धन को सेठ बना दे,
अपनी तो झुँझन वाली हर दम करती रखवाली,
भगतो की रानी सती दादी की हर बात निराली,
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