बड़ी प्यारी लगती हो जब मंगल होता है,
बन्ड़ी सी लगती हो जब मंगल होता है,
देख देख के तुझको दादी नाचे सारा जहा,
जो मस्ती मंगल में मिलती और कहा,
बड़ी प्यारी लगती हो जब मंगल होता है,
कभी लाल सुरंगी चुनड़ी कभी सोने चाँदी हीरे की है तगड़ी,
लाल गुलाब और यही चम्पा वेला का शृंगार,
देख देख कर खुश होती है जग की पालनहार,
बड़ी प्यारी लगती हो जब मंगल होता है,
तेरा गगरा गेर घुमेरा,
जिस में डाला चाँद सितारों ने डेरा,
कोई कमी छोड़ी नहीं ऐसा है शृंगार,
एक बार से मन नहीं भरता देखु बार बार,
बड़ी प्यारी लगती हो जब मंगल होता है,
तारीफ़ करू क्या तेरी माँ तेरी,
तेरे चेहरे से नजर न हटती मेरी,
आज ख़ुशी से श्याम की तेरी आंखे भर आई,
जब तक साँस चले मेरी दर से हो न विधाई,
बड़ी प्यारी लगती हो जब मंगल होता है,