श्याम से ही पहचान हमारी
हारे का साथी वो तो लखदातारी
खाटू वाले से मेरी हो गयी है यारी...
ग्यारस पर बाबा से मिलने खाटू जाता हूं
श्याम का दर्शन पाता हूं-मैं उनको भजन सुनाता हूं
श्याम की यारी-जग से है प्यारी......
सजधज कर खाटू में बैठो कितना मुस्कावे
कहीं तुम्हें नजर ना लग जावे-कहीं तुम्हें नजर ना लग जावे
लीले की वो तो-करता सवारी.....
कहे प्रिंस कि श्याम भजन-जन्नत का द्वारा है
श्याम का तोरण द्वारा है-के खाटू स्वर्ग सा प्यारा है
तीन बाण की महिमा है न्यारी-बाबा ने लाखों की किस्मत सँवारी...
भजन गायक व लेखक
प्रिंस जैन (दिल्ली) 7840820050 ; 7011046527
शुभम रिठालिया (दिल्ली) 8750104889