सुनी है गोद मेरी भर दे सांवरियां,
नंगे पाँव आउंगी मैं सारी उमरियाँ
पुत्र दो या पुत्री दो ममता वरसाऊ गी,
तेरी सौगात बाबा सीने से लगाऊ गी,
गूंजे किलकारी घर में दीन और रतियाँ,
नंगे पाँव आउंगी मैं सारी उमरियाँ
बांज नहीं केहलाऊ मैं ऐसा वरदान दो,
इस दुखियाँ का जग में नहीं अपमान हो,
सुनती हु ताने सबके खरी खोटी बतियाँ,
नंगे पाँव आउंगी मैं सारी उमरियाँ
मेरे अनसुइयो की धरा गंगा सी बहती है,
कब होगी आस पूरी आत्मा ये कहती है,
विनती स्वीकार करो जग के खिवैयाँ,
नंगे पाँव आउंगी मैं सारी उमरियाँ