खाटू के रस्ते पर देखो भीड़ भड़ी है भगतो की
नाच नाच कर आती देखो टोली श्याम के भगतो की
हो हो हो रे मेला श्याम धनि का
भगतो में बड़ा चाव चड़ा है खाटू नगरी जाने का
खाटू नगरी जा के श्री श्याम का दर्शन पाने को
तू भी आजा प्यारे खाटू नगरी शीश झुकाने को
दर्शन पाकर सोये अपने प्यारे भाग जगाने को
हो हो हो रे मेला श्याम धनि का
एक बड़ा सा रेला देखो पैदल खाटू आया है लगता है मेरे श्याम इनका तगड़ा काम बनाया है
जीवन रोशन कर देगा मेरा बाबा हर इक प्रेमी का
नाम चलेगा बाबा का और बाबा के ही प्रेमी का
हो हो हो रे मेला श्याम धनि का
हर प्रेमी को गजब सा लागे बाबा खाटू वाला है
रवि देखता रेह जाता सब सजे श्याम मत वाला है
सुनीता को भी फागुन वाला महिना रास ही आता है
इस महीने बाबा मेरा खुल के प्यार लुटाता है
हो हो हो रे मेला श्याम धनि का