मैंने, सब कुछ पाया दाती,
तेरा दर्शन पाना, बाकी है ll
*मेरे, घर में कोई कमी नहीं ll,
बस तेरा आना, बाकी है
मैंने सब कुछ,,,,,,,,,,,,,
जो, मेरे घर में, आओ माँ,
''मेरा घर तीर्थ, बन जाएगा'' l
मैं, भी तर जाऊँगा मईया,
''जो आएगा, तर जायेगा'' l
इज़्ज़त शोहरत, दौलत तो मिली,
मेहरों का खज़ाना, बाकी है l
मैंने सब कुछ,,,,,,,,,,,,,,
हर मुराद, पूरी होती है,
''माँ तेरे ही दरबार में'' l
तेरे दर जैसा, नहीं देखा,
''दर कोई, संसार में'' l
दर दर की ठोकर, खाईं है,
बस तेरा ठिकाना, बाकी है l
मैंने सब कुछ,,,,,,,,,,,,,,
भक्त तेरे, भोले भाले,
''माँ तेरे, शुक्र गुज़ार हैं'' l
तेरी, कृपा से, सब को मिली,
''माँ खुशियाँ, अपरम्पार हैं'' l
तर गएँ लाखों, माँ भक्त तेरे,
सेवादार दीवाना, बाकी है l
मैंने सब कुछ,,,,,,,,,,,,,,
अपलोडर- अनिलरामूर्तीभोपाल