तुम दिल से पुकारोगे माँ दौड़ी चली आएगी
आपने इन भगतो को मईया दर्श दिखायेगी
माँ जानती है सबको पहचानती हैं सबको
किसको क्या देना है माँ देके चली जायेगी
तुम दिल से,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हम बालक तेरे है मैया तुम्हें बुलाते है
हमको तो यकीन है माँ आके दर्श दिखयेगी
तुम दिल से,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ये अश्को की धारा मैया तुम्हें बुलाती है
इस उजड़े जीवन में मईया फूल खिलायेगी
तुम दिल से,,,,,,,,,,,,,,,,,
लेखक :अभिषेक कश्यप