ना दर छोड़ के जाऊँगा,
कभी तो उद्धार करोगी,
भंवर में भटक जो रही है,
वो नैया पार करोगी....
बड़ी दयालु हो माँ,
करती हो सबकी आस पूरी,
इच्छा पूर्ण होंगी मेरी भी,
रह गई जो अधूरी,
मुझ पर भी माँ एक दिन,
तुम उपकार करोगी,
ना दर छोड़ के जाऊँगा.....
जैसे दूर करती हो दुख सबके,
माँ मेरे भी दुख दूर करना,
भरती हो झोली सबकी,
मेरी भी खाली झोली भरना,
मेरे भी संतापो का,
माँ तुम ही संहार करोगी,
ना दर छोड़ के जाऊँगा......
जो भी मुझे मिलेगा,
मिलेगा तुम्हारे दर से,
देखोगी माँ जब मुझको,
तुम रहमत भरी नज़र से,
पसार ली झोली मैनें,
कैसे इंकार करोगी,
ना दर छोड़ के जाऊँगा......
अपने आँचल की छाँव में,
माँ सदा राजीव को रखना,
बसाना मुझे चरणों में,
मेरे ह्रदय में तुम बसना,
जानता हूँ माँ मैं,
एक दिन मेरी भी गुहार सुनोगी,
ना दर छोड़ के जाऊँगा,
कभी तो उद्धार करोगी,
भंवर में भटक जो रही है,
वो नैया पार करोगी.....
राजीव त्यागी नजफगढ़ नई दिल्ली