है ये ज़िन्दगी श्याम तेरे सहारे
डूबा दे तू चाहे लगादे किनारे
मैं खा खा के ठोकर बहुत थक गया हूँ
तेरे दर पे आकर अब रुक गया हूँ
जो हो तेरी मर्ज़ी ये तू ही विचारे
ग़मो के समुन्दर मैं रह ना जाऊं
पकड़ ले ये बाँहें मेरी मैं बह ना जाऊं
बहुत तेज़ है बाबा ग़मो के ये धारे
इन आँखों ने देखी बहुत दुनियादारी
मतलब की दुनिया साड़ी मतलब की यारी
शिकायत न गैरों से है अपनों से हारे
भरोसा तू कुंदन का तू ही सहारा
नहीं साथ औरों का है मुझको गवारा
यही सोच कर आया शरण में तुम्हारी
है ये ज़िन्दगी श्याम तेरे सहारे...........