समझी नहीं मैं यह कैसा दस्तूर हुआ है,
मैं पास जितनी आई तू उतना दूर हुआ है,
सांसों कहां की डोरी से बांध दूंगी तुमको श्याम,
जाने न दूंगी कहीं मैं तुमको कही घनश्याम,
सांसों की डोरी से बांध दूंगी तुमको श्याम,
नैना मेरे नैना तेरे कब से लड़े घनश्याम,
नींद उड़ गई मेरी दिल को मिला आराम,
सांसों की डोरी से बांध दूंगी तुमको श्याम,
मैं दीवानी तेरे दरस की अबतो दर्श दिखला,
मैं तो खड़ा कब से तेरी शरण में अब तो दरश दिखला ,
सांसों की डोरी से बांध दूंगी तुमको श्याम,
तेरा मेरा प्रेम है पावन ये जाने सब लोग,
फिर भी न जाने क्यों हम को किया बदनाम,
साँसों की डोरी से बांध दूंगी तुमको श्याम,
जाने ना दूंगी कहीं तुमको घनश्याम,
सांसों की डोरी से बांध दूंगी तुमको श्याम