रंग डारो न रसियां ओ सँवारे,
काहे रंग पिचकारी मारो,
मेरी भीगे चुनरियाँ ओ सँवारे ,
रंग डारो न रसियां ओ सँवारे,
ऐसी अनीत न थानों मोहन,
छोड़ो मेरी गगरियाँ ओ सँवारे,
रंग डारो न रसियां ओ सँवारे,
जो कान्हा तुम होरी खेलो,
आना मेरी नगरियां ओ सँवारे,
रंग डारो न रसियां ओ सँवारे,
राधा रमन तेरे चरनन में लागि मेरी नजरियां ओ सँवारे,
रंग डारो न रसियां ओ सँवारे,