तुमसे न बोलू बता फिर और किसे बोलू,
लोग हसे गे सांवरियां दिल मैं किन से खोलू,
तुमसे न बोलू बता फिर और किसे बोलू
यु तो दुनिया में सभी तो अपने है,
पर अपने ही क्यों अपनों को ठग ते है,
रो लिया दुनिया के आगे तेरे आगे रोलु,
तुमसे न बोलू बता फिर और किसे बोलू
है किरपा तेरी तभी तो जिन्दा हु,
पर गुनाहो से श्याम शिरमिन्दा हु,
आकर के दरबार तेरे मैं पाप जरा से धो लू,
तुमसे न बोलू बता फिर और किसे बोलू
हार गया हु मैं मुझे अब अपनाओ,
अपनों से हारा मुझे न ठुकराओ,
नींद गई मेरा चैन गया तेरी गोद में सिर रख के सो लू,
तुमसे न बोलू बता फिर और किसे बोलू