नाचत दै दै कर ताली राघव रामलला,
हर्षित मन मह महतारी राघव रामलला,
पग में घुंघरू कमर करधनिया,
कर में कंगन मनोहर बतियां,
बेसर की लटकन न्यारी
दुई दुई दशन अधर बिच झलकैं,
लोचन कमल के ऊपर पलकैं,
ज्यों भ्रमर करत रखवारी
भाइन के संग ता ता थैया,
नाचत राघव गावत मैया,
किलकत निज प्रतिबिंब निहारी
नारद मुदित बजावत वीणा,
कागभुसुंडि का गान प्रवीणा,
उमा संग झूमैं त्रिपुरारी
प्रभु सुखधाम "वैष्णव" जन के,
लखि छवि विधि सों मनावत मिलिके,
चिर जीवै अजिर बिहारी